हमारे यहाँ प्राचीन काल से ही यह एक समस्या रही है कि हम आदमी के जीवनकाल में तो उसे अच्छा कह ही नहीं सकते भले ही वे भगवान श्रीराम या योगेश्वर श्रीकृष्ण ही क्यों न हो। मरने के बाद सभी को अच्छा कहने लगते हैं चाहे वे इसके हकदार हो या न हो।
अरे भाई, नरेंद्र मोदी शास्त्रानुसार आचरण करने वाला व्यक्ति क्यों झूठ बोलेंगे, क्या लेना देना है उनको, क्या चाहिए उनको सिवाय देश के? आप सोचिए! हर राष्ट्रवादी इंसानों को, चाहे वो आप हो या मैं, समाज व राष्ट्र की चिंता होती है तथा होनी भी चाहिए लेकिन हम कारणवश उतनी मेहनत अगर नहीं कर पाते हैं जितनी कोई अन्य राष्ट्रवादी करता है तो उसका समर्थन तो करना ही चाहिए क्योंकि वह आपका ही तो काम कर रहा है ना। अब मुझे प्रधानमंत्री बनने की फुरस्त नही है और देश का व समाज का भला भी करना चाहता हूँ तो खुशी होनी चाहिये कि चलो चिंता खत्म हुई नरेंद्र दामोदरदास मोदी हैं ना। राष्ट्रहित व समाज हित की तरफ ध्यान दिजिए, राष्ट्ररोधियों के चक्कर में न आएं।
10 बार देखा गया · भीमेन्द्र प्रताप (Bheemendra Pratap)
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